Let us try to deliberate upon Some Historical Facts of Shakdwipiya Brahmins.
आइये आज शाकद्वीपीय ब्राह्मणों के ऐतिहासिक तथ्य (Some Historical Facts of Shakdwipiya) के एक नए आयाम पर चर्चा करते हैं।
यह बात शुरू में ही बता देना जरूरी है कि ये आयाम शाकद्वीपीय ब्राह्मणों के उस इतिहास से संबंद्धित है जो भूतकाल में आज के बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड के भूभागों पर रचे बसे हैं। इसका संबंद्ध राजस्थान, गुजरात में बसे शाकद्वीपीय ब्राह्मणों से कत्तई नहीं है।
यह सभी को विदित है कि प्रराम्ब्भ में सिर्फ 72 पूर ही हुवा करते थे, लेकिन इनकी संख्या बढ़ती हुई आज 105 के आसपास हो गई है। यह परिवर्तन कब और कैसे हुआ, इसका ठीक ठीक इतिहास हमें कहीं नहीं मिलता। कुछ छिट पुट विवरण अवश्य मिल जायेगें लेकिन सच्चाई यही है कि 72 पूर से धीरे धीरे कब और कैसे 105 के करीब कुल पूर हो गए इसका सपुष्ट वर्णन प्राप्त नहीं है।
इस भूभाग में बसे शाकद्वीपीय ब्राह्मण का परिचय सिर्फ पूर जन्य ही नहीं है, बल्कि हर एक को इनके अपने अलग प्रवर, आस्य्पद, वेद, शिखा, उपवेद, आमान्य, मन्त्र, छंद, कुलदेवता और अलग अलग कुलदेवी के द्वारा भी जाना जाता है।
यह बड़े अफशोस की बात है, कि ये धाराएँ अब शाकद्वीपीय ब्राह्मणों के बीच से धीरे धीरे लुप्त हो रही है। आने वाली पीढ़ीयां अपनी पिछली पीढीयों से इस ज्ञान से धीरे धीरे विमुख हो रही हैं। सच यही है कि आने वाले समय में ये सभी बातें अपने समाज से लुप्त हो जायेगीं। अतः इसे संरछित किये जाने की जरूरत है।
प्रवर, आस्य्पद, वेद आदि विवेचना
ये प्रवर, आस्य्पद, वेद, शिखा, उपवेद आदि क्या हैं ? इसकी एक बहुत ही सुखद विवेचना रविन्द्र कुमार पाठक जी ने अपने ब्लॉग पोस्ट मगसमसकृति में बड़े ही सुन्दर शब्दों में किया है। इसे आप सबकी जानकारी के लिए निचे प्रस्तुत कर रहा हूँ। These are few of the Some Historical Facts of Shakdwipiya.
कृपया ध्यान दें। उपर्युक्त चर्चा में राजस्थान, गुजरात में बसे शाकद्वीपीय ब्राह्मणों का कोई संबंद्ध नहीं है क्योंकि वहां पर वर्गीकरण की प्रणाली कुछ अलग ढंग से विकसित हुई है। अतः इसकी चर्चा मैं जैसलमेर के महान शाकद्वीपीय पंडित नन्द किशोर शर्मा जी का संदर्ब्भ देते हुवे (Some Historical Facts of Shakdwipiya) किसी अन्य पोस्ट में करूँगा।
जय भास्कर !!
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Who are Shakdwipiya Brahmins? : A tale of Divya Brahmins in India
आयुर्वेद, गन्धर्ववेद, धनुर्वेद आदि की रचना किनके द्वारा हुई थी ? यह जानने की इच्छा है ।
Pranam.
Please add Surname “Jyotishi”,in our Brahmin surname list. Thousands of Shakaldwipi Brahmin people n families having surname “Jyotishi”. Mostly in state of Jharkhand,Odisha,Madhya Pradesh, Rajasthan,Gujrat etc…
Regards
Ashit Kumar Jyotishi
8826765819
Thanks for the information. I will include it in the blog.
Dear R.S.Pandey Sir,Pranam.
thanks for thearticle.
Jai shree krishna,
Mein Chaprawal gotra se hoon aap kuldevta per bhi koi article likhiye.
Aur kripa karke region wise data collection karke ya pando se jaankari leker apni directory publish kijiye